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कोडक कंपनी याद है?
कोडक कंपनी याद है?
1997 में कोडक के पास लगभग 160,000 कर्मचारी थे।
उसी समय कई और मशहूर कंपनियों को अपने आप को रोकना पड़ा। जैसे
HMT (घड़ी)
BAJAJ (स्कूटर)
DYANORA (TV)
MURPHY (रेडियो)
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NOKIA (मोबाइल)
RAJDOOT (बाइक)
AMBASSADOR (कार)
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वर्तमान क्षण में खड़े होकर आप शायद यह भी न सोचें कि अगले 10 सालों में दुनिया कितनी बदल सकती है! और आज की 70%-90% नौकरियाँ अगले 10 सालों में पूरी तरह से खत्म हो जाएँगी। हम धीरे-धीरे "चौथी औद्योगिक क्रांति" के दौर में प्रवेश कर रहे हैं।
आज की मशहूर कंपनियों को देखिए-
UBER
Airbnb आज दुनिया की सबसे बड़ी होटल कंपनी है। लेकिन मज़ेदार बात यह है कि दुनिया में उनके पास एक भी होटल नहीं है।
इसी तरह, Paytm, Ola Cab, Oyo rooms आदि जैसी अनगिनत कंपनियों के उदाहरण दिए जा सकते हैं।
आज अमेरिका में नए वकीलों के लिए कोई काम नहीं है, क्योंकि IBM Watson
नामक एक कानूनी सॉफ्टवेयर किसी भी नए वकील से कहीं बेहतर वकालत कर सकता है। इस प्रकार अगले 10 सालों में लगभग 90% अमेरिकियों के पास कोई नौकरी नहीं होगी। शेष 10% बच जाएँगे। ये 10% विशेषज्ञ होंगे।
नए डॉक्टर भी काम पर जाने के लिए बैठे हैं। Watson सॉफ्टवेयर कैंसर और दूसरी बीमारियों का पता इंसानों से 4 गुना ज़्यादा सटीकता से लगा सकता है। 2030 तक कंप्यूटर इंटेलिजेंस मानव इंटेलिजेंस से आगे निकल जाएगा।
अगले 20 सालों में आज की 90% कारें सड़कों पर नहीं दिखेंगी। बची हुई कारें या तो बिजली से चलेंगी या हाइब्रिड कारें होंगी। सड़कें धीरे-धीरे खाली हो जाएंगी। गैसोलीन की खपत कम हो जाएगी और तेल उत्पादक अरब देश धीरे-धीरे दिवालिया हो जाएंगे।
अगर आपको कार चाहिए तो आपको उबर जैसे किसी सॉफ्टवेयर से कार मांगनी होगी। और जैसे ही आप कार मांगेंगे, आपके दरवाजे के सामने एक पूरी तरह से ड्राइवरलेस कार आकर खड़ी हो जाएगी। अगर आप एक ही कार में कई लोगों के साथ यात्रा करते हैं, तो प्रति व्यक्ति कार का किराया बाइक से भी कम होगा।
बिना ड्राइवर के गाड़ी चलाने से दुर्घटनाओं की संख्या 99% कम हो जाएगी। और इसीलिए कार बीमा बंद हो जाएगा और कार बीमा कंपनियाँ भी बाहर हो जायेंगी।
पृथ्वी पर ड्राइविंग जैसी चीजें अब नहीं बचेंगी। जब 90% वाहन सड़क से गायब हो जाएँगे, तो ट्रैफ़िक पुलिस और पार्किंग कर्मचारियों की ज़रूरत नहीं होगी।
जरा सोचिए, 10 साल पहले भी गली-मोहल्लों में STD
बूथ हुआ करते थे। देश में मोबाइल क्रांति के आने के बाद ये सारे STD बूथ बंद होने को मजबूर हो गए। जो बच गए वो मोबाइल रिचार्ज की दुकानें बन गए। फिर मोबाइल रिचार्ज में ऑनलाइन क्रांति आई। लोग घर बैठे ऑनलाइन ही अपने मोबाइल रिचार्ज करने लगे। फिर इन रिचार्ज की दुकानों को बदलना पड़ा। अब ये सिर्फ मोबाइल फोन खरीदने-बेचने और रिपेयर की दुकानें रह गई हैं। लेकिन ये भी बहुत जल्द बदल जाएगा।
Amazon
Flipkart
पैसे की परिभाषा भी बदल रही है। कभी कैश हुआ करता था लेकिन आज के दौर में ये "प्लास्टिक मनी" बन गया है। क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड का दौर कुछ दिन पहले की बात है। अब वो भी बदल रहा है और मोबाइल वॉलेट का दौर आ रहा है। पेटीएम का बढ़ता बाजार, मोबाइल मनी की एक क्लिक।
जो लोग उम्र के साथ नहीं बदल सकते, उम्र उन्हें धरती से हटा देती है। इसलिए जमाने के साथ बदलते रहें।
वक्त के साथ रहो
Rajsthan school building collapse
गरीबो की हालत
गरीबो की हालत
🏫 राजस्थान में स्कूल भवन दुर्घटना — घटना का पूरा विवरण
📍 घटना स्थल और समय
• स्थान: पिपलोदी झालावाड़ जिला, राजस्थान
• तिथि: शुक्रवार, 25 जुलाई 2025 की सुबह, लगभग प्रार्थना सभा के दौरान
🙆💰 जान-माल की हानि
• 35 वर्षीय पुरानी सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालय की कक्षाओं में छत और दीवार गिरने से झटका आया।
• 7 सेब 8 बच्चे की मौत (कुछ रिपोर्टों में बताया गया है कि 7-8) और लगभग 29 घायल, जिनमें से 13 की हालत गंभीर थी
• हादसे के समय 71 छात्र और दो शिक्षक कक्षाओं में मौजूद थे;
🚨🏗️ बचाव कार्य
• ग्रामीणों और प्रशासन की तेजी से बचाव कार्यवाही, जेसीबी ओर क्रेन की मदद से मलबा हटाया गया और घायल बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया
• मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं ने दुख जताया और मामले की जांच के आदेश दिए गए
⚠️ हादसे के खुलासे — लापरवाही की कहानी
💧 भवन गिरने के प्रमुख कारण
• बारिश से भवन की दीवारों में नमी और सीलन आई थी, जिससे छत दब रही थी और मजबूती खो रही थी
• स्कूल की छत चार चार पाँच से टपक रही थी, लेकिन शिकायतों के बावजूद कोई मरम्मत नहीं की गई थी
🧒🧚 बच्चों की चेतावनी पर भी नजरअंदाज़
• छत से काकरी गिरने लगे थे, जिसे बच्चों ने शिक्षकों को बताया, लेकिन उन्हें डांटा गया और भीतर बैठने को कहा गया।
• कुछ ही पलों में कक्षा ढह गई — कई छात्र मलबे में दब गए ओर 6-7 बच्चे दब गए😭
🛂 कार्रवाई और नतीजे
• 5 शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है; उन पर लापरवाही" का आरोप लगाया गया है
• 🧠 लोक प्रतिक्रिया, राजनीति और आगे की राह
🗣️ ग्रामीणों और सांसदों की प्रतिक्रिया
• स्थानीय लोगों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन किया और सरकारी लापरवाही पर तीखी नाराज़गी जताई, साथ ही मृतकों के परिजनों को ₹1 करोड़ की क्षतिपूर्ति की मांग की गई
• कांग्रेस नेताओं ने इस घटना को "प्रशासनिक हत्या" करार दिया और शिक्षा मंत्री मदन दिलावर से ✍️इस्तीफे की मांग की
🏛️ सरकारी सुधार कदम
• मुख्यमंत्री ने सभी सरकारी भवनों, विशेषकर स्कूलों व अस्पतालों, की तत्काल सुरक्षा निरीक्षण का आदेश दिया।
• भीषण मानसून से पहले बिहार सरकार ने मरम्मत और स्थानांतरण की योजना बनाई; कमजोर भवनों में तुरंत बच्चों को अन्य सुरक्षित व्यवस्था में भेजने के निर्देश दिए गए
✍️ निष्कर्ष
राजस्थान के झालावाड़ में इस दुखद हादसे ने स्पष्ट कर दिया कि शैक्षणिक इंफ्रास्ट्रक्चर को समय-समय पर निरीक्षण, मरम्मत और मानवीय चेतना के साथ संरक्षित करना कितना महत्वपूर्ण है। बच्चों की सीख, अभिभावकों की उम्मीद और समुदाय की सुरक्षा — इन तीनों को प्राथमिकता देनी होगी। 🤝