Reliance Power रिलायंस पावर लिमिटेड (Reliance Power Ltd.) अनिल अंबानी की कंपनी है, जो रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप (ADAG) का हिस्सा है। इसकी स्टॉक मार्केट की कहानी बहुत ही रोचक और उतार-चढ़ावों से भरी हुई है। शुरुआत की कहानी: जब सपने बड़े थे** * **2008 में IPO लॉन्च:** रिलायंस पावर ने फरवरी 2008 में भारत का सबसे बड़ा IPO (Initial Public Offering) लॉन्च किया था। ➤ IPO साइज: ₹11,700 करोड़ ➤ प्राइस बैंड: ₹405-₹450 प्रति शेयर ➤ एक समय पर 73 गुना ओवरसब्सक्राइब हुआ। * **पहला दिन और गिरावट:** शेयर ने लिस्टिंग के दिन ही गिरावट देखी। ➤ ₹450 पर आया IPO, पर पहले दिन ही करीब **17% टूटकर** बंद हुआ। रेयर ,,
केस:** IPO,,में पैसा लगाने वालों को भारी नुकसान हुआ, और कंपनी के चेयरमैन अनिल अंबानी ने बाद में निवेशकों को कुछ बोनस शेयर भी दिए — ये एक **बहुत ही अनोखी घटना** थी। --- **बड़ी योजनाएं, लेकिन ज़मीन पर क्या हुआ?** रिलायंस पावर ने कई थर्मल, गैस और हाइड्रो प्रोजेक्ट्स की योजना बनाई थी: * 35,000 मेगावाट पावर जनरेशन का सपना दिखाया गया था। * सासन अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट (UMPP) जैसे कुछ बड़े प्रोजेक्ट्स शुरू हुए। **लेकिन…** * परियोजनाएं समय पर पूरी नहीं हुईं। * कोयला और पर्यावरण क्लियरेंस की दिक्कतें आईं। * भारी कर्ज (debt) का बोझ बढ़ता गया। * ऑपरेशनल प्रोजेक्ट्स से रिटर्न उम्मीद के मुताबिक नहीं आया। --- **स्टॉक की गिरावट: निवेशकों का भरोसा टूटा** * IPO के बाद कुछ समय में ही स्टॉक ₹100 से नीचे गिर गया। * पिछले कई सालों में रिलायंस पावर का शेयर **₹10 से ₹20** के बीच घूमता रहा है। * निवेशकों के लिए यह एक **wealth destructor** बन गया। --- **अब की स्थिति (2025 तक)** * कंपनी ने कुछ कर्ज कम किया है, लेकिन अब भी वह संघर्ष कर रही है। * अनिल अंबानी की बाकी कंपनियों की तरह, यह भी turnaround की कोशिश कर रही है। * स्टॉक अब भी penny stock की श्रेणी में आता है। --- **सीख क्या है?** 1. सिर्फ नाम या ब्रांड पर भरोसा करना ठीक नहीं। 2. कंपनी के fundamentals, execution ability और debt profile को देखना जरूरी है। 3. IPO में oversubscription का मतलब यह नहीं कि वह स्टॉक हमेशा अच्छा परफॉर्म करेगा